Website का Bounce Rate कम कैसे करें Bounce Rate In Hindi

इस पोस्ट bounce rate in hindi में हम जानेंगे कि Website का Bounce Rate कम कैसे करें, क्योंकि बाउंस रेट का सीधा संबंध हमारे वेबसाइट के गुणवत्ता से होता है, और इसी से ये पता चल जाता है कि हमारे द्वारा डाला गया पोस्ट लोगों को कितना पसंद आ रहा है।

Bounce Rate क्या है? (what is bounce rate in google analytics)

Bounce Rate को हम दो नजरिया से देखते हैं पहला जब कोई विजिटर आपके साइट पर जाता है चाहे वो सोशल शेयरिंग के माध्यम से आया हो, या रेफरल ट्रैफिक हो या ऑर्गेनिक, और आपके एक पोस्ट को पढ़ने की समय 10 मिनट है लेकिन वो 2 मिनट में ही भाग जाता है।

तो इससे आपके साइट का बाउंस रेट बढ़ जाता है, क्योंकि या तो उस विजिटर को जो चाहिए था वो आपके साइट पर नहीं मिला या फिर आपने जो जानकारी दी है वो उसके समझ में नहीं आया तो हर स्थिति में आपके उस पोस्ट में ही कमी है और इससे ये पता चलता है कि आपके द्वारा डाला गया पोस्ट में कुछ कमी है लोगों को पसंद नहीं आ रहा है।

bounce rate in hindi– बाउंस रेट नापने का दूसरा नजरिया ये है कि जब कोई विजिटर किसी भी रास्ते से आपके साइट पर जाता है और वो सिर्फ लैंडिंग पेज यानी जिस पेज पर गया था उसी पेज से वापस आ जाता है उस पेज में दिए गए इंटरलिंकिंग के द्वारा वो दूसरे दूसरे पेज पर नहीं जाता है तो फिर इससे भी आपके साइट का Bounce Rate बढ़ जाता है।

जब लोग हमारे किसी पेज पर आते हैं और उनको वह पोस्ट अच्छा लगता है तो उस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके एक पेज से दूसरे पेज दूसरे पेज से तीसरे पेज पर जाते हैं और आपके साइड पर समय व्यतीत करते हैं, और ऐसे में आपके साइट का Bounce Rate कम होता है और सर्च इंजन में भी आपके पेज का वैल्यू बढ़ता है।

जब आपके साइड का बाउंस रेट बहुत ज्यादा बढ़ने लगता है तो इसका वैल्यू सर्च इंजन में कम होने लगती है और इसका सीधा असर ऑर्गेनिक ट्रैफिक पर पड़ता है आपके साइट पर ऑर्गेनिक ट्रैफिक आना कम हो जाता है, इसलिए भी Bounce Rate को मेंटेन रखना हमारे साइट के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।

Bounce Rate कितनी होनी चाहिए? (What is a good bounce rate in Google Analytics?)

अब आपके मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि what is a good bounce rate यानी Bounce Rate कितनी होनी चाहिए, तो बाउंस रेट सभी वेबसाइट के लिए एक जैसा नहीं होता है अलग-अलग विषयों के वेबसाइट पर बाउंस रेट का नियम अलग-अलग लागू होता है।

उदाहरण के लिए अगर कोई ई-कॉमर्स साइट है जैसे अमेजॉन या फ्लिपकार्ट तो इसका बाउंस रेट गूगल अलग तरीके से लापता है, इस साइट पर आने वाला व्यक्ति भले ही एक मिनट के लिए क्यों ना आया हो लेकिन वो खरीदारी करके चला जाएगा तो उसका बाउंस रेट हाई नहीं होगा क्योंकि आने वाले विजिटर का काम एक मिनट में ही पूरा हो चुका है।

लेकिन अगर आपका ब्लॉग एजुकेशनल है आप अपने ब्लॉग में लोगों को कुछ सिखा रहे हैं तो एक पोस्ट पढ़ने का जितना समय होता है कम से कम उतना समय विजिटर को आपके साइट पर रुकना चाहिए, एक पेज से दूसरे पेज पर जाना चाहिए तभी आपके साइट का Bounce Rate अच्छा कंडीशन में गिनती किया जाएगा।

अब इसका मतलब ये भी नहीं हुआ कि आपके साइट के किसी पेज पर विजिटर आता है और वहीं से वापस चला जाता है तो इसको बाउंस माना जाएगा ऐसा नहीं है, अगर वो उसी पेज पर ज्यादा समय बिताता है यानी जितने मिनट का आर्टिकल है उतना मिनट रुकता है और वो उसी पेज से वापस चला जाता है तो भी आपका बाउंस रेट अच्छा होगा क्योंकि वो भले ही लैंडिंग पेज से ही वापस हो लिया लेकिन उस पेज पर ज्यादा देर तक समय बिताया।

कहने का मतलब है कि अगर विजिटर लैंडिंग पेज पर आने के बाद पूरा समय देता है और फिर एक पेज से दूसरे पेज पर जाता है तब तो आपका साइट का बाउंस रेट उच्च कोटि का रहेगा लेकिन अगर लैंडिंग पेज से भी पूरा समय देकर और वहीं से वापस होता है तो भी इसे बाउंसर नहीं माना जाता है।

बाउंस रेट जितना कम से कम हो उतना ही आपके साइट के लिए अच्छा होता है, search engine में आपके pages की वैल्यू बढ़ती है और इसके साथ ही organic traffic की वृद्धि होती है।

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Bounce Rate Count कैसे किया जाता है? (bounce rate in hindi)

bounce rate formula- गूगल बाउंस रेट को काउंट कैसे करता है? इसका जवाब सीधा सा यही है कि अगर आपके लैंडिंग पेज पर 100 विजिटर आते हैं और उसमें से 60 बिना समय बिताए ही उसी पेज से वापस हो लेते हैं तो आपके साइट का बाउंस रेट 60% रहेगा। और इस बात को गूगल ने कहीं ऑफीशियली रूप से लिखा नहीं है बल्कि ये एक प्रचलित मापदंड है।

लैंडिंग पेज का मतलब हुआ कि विजिटर आपके साइट पर जिस पेज पर जाते हैं उसको लैंडिंग पेज कहा जाता है अब वह चाहे जिस भी माध्यम से आए शेयरिंग के द्वारा रेफरल या फिर ऑर्गेनिक और उस पोस्ट में आपके द्वारा किए गए इंटरलिंकिंग के द्वारा वो एक पोस्ट से दूसरे पोस्ट पर जाते हैं।

आपका वेबसाइट किस विषय या कैटेगरी के ऊपर है और उसका बाउंस रेट कितना होना चाहिए इसको विस्तार से समझने के लिए नीचे दिए गए चित्र को देखें। (नीचे चित्र देखें)

bounce rate क्या है
bounce rate क्या है

Bounce Rate का क्या importance होता है?

search engine journal के मुताबिक गूगल Bounce Rate को algorithm metrics के तौर पर इस्तेमाल करता है, जब आपके साइट का बाउंस रेट ज्यादा होने लगता है तो गूगल के बोट ये समझ लेते हैं कि आपके साइट पर डाली गई सामग्री उपयुक्त नहीं है फिर सर्च इंजन में रैंक कर रहे आपके पेज धीरे-धीरे नीचे होने लगते हैं।

Website का Bounce Rate कम कैसे करें?

bounce rate in hindi– तो हमने अभी तक ये समझ लिया है कि Bounce Rate क्या है, बाउंस रेट का क्या importance होता है एवं बाउंस रेट Count कैसे किया जाता है, अब हम अपने साइट का बाउंस रेट कम करने का तरीका जानेंगे।

bounce rate कम कैसे करें इसके लिए हम आपको नीचे ऐसे 15 तरीके बता रहे हैं जिस को अपनाकर आप अपने साइट के Bounce Rate को कम यानी बेहतर नतीजे पर ला सकते हैं।

1. Readable contents का लिखना

कई बार हम अपने पोस्ट में उस पोस्ट से जुड़ी सभी जानकारी देते हैं किसी भी तरह का कोई कमी नहीं छोड़ते हैं लेकिन on page SEO करने के चक्कर में उस पोस्ट को हम बहुत ज्यादा जटिल बना देते हैं, ऐसा करने से आपका वो पेज seoo-friendly तो बन जाता है लेकिन user-friendly नहीं हो पाता है।

हमें अपना पोस्ट का SEO करते समय Google का भी ध्यान रखना है और User का भी ध्यान रखना है जिससे गूगल भी आपके पोस्ट को समझ सके और यूजर को भी उसके सवालों का जवाब साधारण शब्दों में मिल जाए।

हमें पोस्ट लिखने की कला अच्छी तरह से होनी चाहिए पोस्ट में कीवर्ड को इस तरीके से डालना होता है जिससे ये न लगे की कीवर्ड जबरदस्ती रखा गया है, वो किवर्ड पोस्ट का एक हिस्सा होना चाहिए।

अपने पोस्ट को रीडर के अनुकूल बनाना चाहिए जैसे पोस्ट में इस्तेमाल किए गए फोंट, टाइटल, हेडिंग, सब हेडिंग इत्यादि अनेकों चीजें होते हैं और इन सब पर हमें ध्यान रखना होता है।

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2. Page की Loding Speed

हमारे साइट की Bounce Rate बढ़ने का एक प्रमुख कारण Page की Loding Speed भी होता है। सर्च इंजन में रैंक कर रहे आपके किसी पेज पर जब कोई विजिटर क्लिक करता है तो वो पेज तुरंत ही ओपन हो जाना चाहिए, अगर उसे ओपन होने में ज्यादा समय लगता है तो वो उसे स्कीप करके दूसरा साइट को ओपन कर लेता है।

bounce rate कम कैसे करें इसके लिए आपके साइट का Loding Speed अच्छा हो इसके लिए आपके web hosting भी काफी हद तक सहायक होते हैं, इसलिए एक अच्छा होस्टिंग कंपनी चुने सस्ता के चक्कर में अनाप-शनाप होस्टिंग पर अपना साइट ना बनाएं।

आपके साइट को ओपन होने में 3 सेकंड से ज्यादा का समय नहीं लगना चाहिए, अगर आपका साइट wordpress पर है तो आप वर्डप्रेस के द्वारा सजेस्ट किए गए कुछ कैश plugin का इस्तेमाल कर सकते हैं।

3. AMP Plugin का इस्तेमाल करें

AMP गूगल के द्वारा डिवेलप किया गया एक open source HTML framework है, अगर आपका साइट वर्डप्रेस पर है तो आपने इसके बारे में जरूर सुना होगा आप इस सर्विस को इस्तेमाल करने के लिए वर्डप्रेस पर उपलब्ध कई सारे AMP plugin को इंस्टॉल कर सकते हैं।

अगर आप amp project को इस्तेमाल करने के लिए गूगल का ऑफिशियल amp plugin यूज करना चाहते हैं तो इस विषय पर यहां एक गाइड है, WordPress में Google AMP Setup कैसे करें इसके अलावा आप amp project को इस्तेमाल करने के लिए amp for wp प्लगइन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं ये मोहम्मद कुलैडी के द्वारा बनाया हुआ प्लगइन है।

4. कम से कम Plugin का इस्तेमाल करें

bounce rate कम कैसे करें हमें प्लगइन का इस्तेमाल कम से कम करना होगा, प्लगइन हमारे वेबसाइट पर औजार के तरह काम करता है लेकिन ध्यान रहे जो काम आप खुद से कर सकते हैं उसके लिए प्लगइन इंस्टॉल ना करें, जितना ज्यादा आपके प्लगइन लिस्ट में प्लगइन होंगे उतना ही ज्यादा आपका वेबसाइट का लोडिंग स्पीड बढ़ता जाएगा।

5. Ad का इस्तेमाल कम से कम करें

अगर आपने अपने साइट पर किसी एड नेटवर्क का ऐड लगा रखा है तो उसकी संख्या सीमित रखें, बहुत ज्यादा ऐड ना डालें इससे भी आपके पेज का लोडिंग स्पीड बढ़ता है और यूजर के लिए भी अच्छा नहीं होता है।

हेडर एरिया में ऐड नहीं डालें तो अच्छा है क्योंकि जब आपका पेज ओपन होता है तो सबसे पहले हेडर एरिया ही लोड होता है, अगर आपके एक पोस्ट में पन्द्रह सौ तक शब्द हैं तो आप इसमें 3 एड ही लगायें।

6. Image Optimise करना

bounce rate कम कैसे करें इसके लिए सबसे पहली बात इमेज कहीं से भी डाउनलोड करके अपने पोस्ट में ना डालें खुद से डिजाइन किया हुआ इमेज ही डालें, लेकिन डिजाइन करने के बाद भी उसे कंप्रेस करके उसके साइज कम करें। फीचर इमेज हो या कोई अन्य इमेज उसका साइज 30 केवी से ज्यादा ना रखें नहीं तो ज्यादा बड़ा इमेज लोड होने में बहुत समय लेता है।

इमेज के साइज को कम करने के लिए आप इमेज कंप्रेशर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर बहुत सारे वेबसाइट ऑनलाइन इमेज कंप्रेस करने की सुविधा भी देते हैं।

7. Popup Ad का इस्तेमाल ना करें

आप अपने साइट पर Popup Ad का इस्तेमाल ना करें आप खुद किसी दूसरे के साइट पर जाते हैं कुछ पढ़ रहे होते हैं और अचानक पॉपअप एड आपके सामने टपक आता है तो आपको कैसा महसूस होता है, ठीक वैसे ही ये एड सभी को परेशान करते हैं इस तरीके का ऐड आपके साइट का Bounce Rate को बढ़ाता है।

आप पोस्ट में हर चीज को एक जगह पर व्यवस्थित रखें चाहे वो ऐड हो या ईमेल सब्सक्रिप्शन फॉर्म, यूजर को आपके एड पे क्लिक करना होगा तो वैसे ही करेगा और अगर आपके ब्लॉग को सब्सक्राइब करना होगा तो वो उस फॉर्म को ढूंढ के करेगा, नहीं करना होगा तो फिर अचानक उसके सामने टपक आने पर भी नहीं करेगा।

8. Right visitors को target करना

जब हम शुरुआती में नया Blog बनाते हैं तो अपने पोस्ट को सभी के सामने शेयर करना शुरू कर देते हैं और ऐसे में हमारे साइट का Bounce Rate तेजी से बढ़ने लगता है।

आप खुद ही सोचिए अगर आप खेल में इंटरेस्ट रखते हैं और कोई अचानक से आपके सामने खाना बनाने वाला साइट रख देवे तो पहले आप उस साइट पर जाएंगे नहीं और जाएंगे भी तो तुरंत ही भाग आएंगे क्योंकि उस चीज में आपका कोई इंटरेस्ट ही नहीं है।

इसलिए हमें अपना ऑडियंस को टारगेट करना होता है आपको अपने साइट पर टारगेटेड ट्रैफिक लाने के लिए उस विषय से जुड़े लोगों के सामने ही अपना ब्लॉग या पोस्ट को शेयर करिए तो इससे आपके साइट का बाउंस रेट अच्छा कंडीशन में बना रहेगा।

आप फेसबुक जैसे कुछ और प्लेटफार्म पर ग्रुप बनाकर आप अपने ब्लॉग के विषय से संबंधित लोगों को जोड़ सकते हैं और फिर जब आप उस ग्रुप में अपने पोस्ट को शेयर करेंगे तो आपको टारगेटेड ट्रैफिक मिलेगा।

9. Meta Description आकर्षित लिखना

जब कोई किसी कीवर्ड को ब्राउजर में सर्च करता है तो वहां पर आपके वेबसाइट का टाइटल और मेटा डिस्क्रिप्शन ही दिखता है और इतना ही जानकारी पढ़कर यूज़र उसके ऊपर क्लिक करता है।

तो अगर आपने पोस्ट को user-friendly लिखा है अच्छी तरह से जानकारी दे रखे हैं तो फिर उसका मेटा डिस्क्रिप्शन एवं टाइटल आकर्षित बनाए जिससे ज्यादा से ज्यादा क्लिक होने की संभावना हो।

10. Podcast और Video डालें

Website का Bounce Rate कम कैसे करें इसके लिए सबसे सरल तरीका है आप अपने पोस्ट में वीडियो डालें लेकिन ध्यान रहे पोस्ट से संबंधित ही वीडियो होनी चाहिए, अगर वो वीडियो 2 मिनट का भी है तो यूजर का 2 मिनट और ज्यादा आपके साइट पर रुकने की संभावना बढ़ेगी।

अगर आप एक यूट्यूबर हैं तो आप अपने यूट्यूब वीडियो को भी अपने वेबसाइट के पोस्ट में एंबेड कर सकते हैं, लेकिन वीडियो को पोस्ट के लास्ट में रखें और उसके साथ मे ये जरुर लिखें की “अगर आपको इस विषय पर वीडियो देखना है तो नीचे दिए गए वीडियो को देखें” तो इससे आपके साइट का Bounce Rate अच्छा कंडीशन में बना रहेगा।

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11. Interlinking Bounce Rate कम करता है

आप अपने सभी पोस्ट में Interlinking जरूर करें यानी उस पोस्ट से मिलते जुलते अपने उसी वेबसाइट के दूसरे पोस्ट का लिंक जरूर डालें, इससे यूजर उस पोस्ट को पढ़ने के साथ ही उस लिंक पर क्लिक करके आपका दूसरा पेज भी पढेगा और ऐसे में आपके साइट का Bounce Rate उच्च कोटि का होगा।

ध्यान रहे इंटरलिंकिंग करते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि जिस पोस्ट में दूसरे पोस्ट का लिंक देवें वो पोस्ट भी उसी विषय से संबंधित हो ऐसे में आपके द्वारा दिए गए लिंक पर क्लिक होने की संभावना ज्यादा होती है।

एक बात ध्यान देने वाली और है और वो ये है कि लिंक को नए विंडो में ओपन करें, जब आप अपने पोस्ट में लिंक डालते हैं तो वहीं पर ऑप्शन मिल जाता है कि उसे उसी पेज में ओपन करना है या फिर नए विंडो में।

जब आपके द्वारा दिए गए लिंक नए विंडो में ओपन होता है तो ऐसे में यूजर एक साथ कई सारे लिंक को अलग-अलग विंडो में ओपन कर लेता है और फिर जब चाहे तब वो किसी भी पोस्ट को ओपन कर-कर के देख सकता है।

12. Page को Visitor Friendly बनायें

आप अपने पोस्ट को इस तरीके से बनाएं जिससे आने वाले विजिटर का मकसद पूरा हो जाए, अगर वो कुछ सीखने के लिए आ रहा है तो बिना सीखे वापस ना जाए, और अगर कुछ खरीदने के लिए आ रहा है तो बिना खरीदारी कीये वापस ना जाए।

तो अगर आप अपने पोस्ट में कोई एजुकेशनल जानकारी दे रहे हैं तो इस तरीके से लिखें ताकि आने वाले विजिटर को आपके द्वारा लिखा गया बातें सहज ही समझ में आ जाए, और ऐसे में लोग आपके पोस्ट पर कमेंट भी करेंगे आपके ब्लॉग को सब्सक्राइब भी करेंगे, और इससे गूगल के बोट को भी ये संदेश जाता है कि आपके साइट पर आने वाले विजीटर्स का मकसद पूरा हो चुका है।

13. अपने Post को समय-समय पर Update करें

ये थोड़ा मेहनत वाला काम है हो सकता है आपके साइट पर सैकड़ो पोस्ट हो, लेकिन आपको अपने पुराने पोस्ट को समय-समय पर अपडेट करना होगा, हो सकता है पहले आपने अपने पोस्ट में जो प्रोसेस बताएं हूं वो समय के साथ चेंज हो गया हो तो आपको भी उस पोस्ट में बताए हुए प्रोसेस को चेंज करना होगा तभी विजिटर आपके साइट पर रुकेंगे।

Website का Bounce Rate कम कैसे करें इसके लिए हमें पुराने पोस्ट को अपडेट करना बेहद जरूरी होता है नया पोस्ट भी समय से डालें और पुराने पोस्ट को भी समय-समय पर अपडेट करते रहें।

14. Homepage को Smart Look दें

आप अपने वेबसाइट के होम पेज को प्रोफेशनल तरीके से डिजाइन करें ताकि देखने से यूजर को ऐसा लगे की वेबसाइट वाले के पास पूरी जानकारी है एक्सपीरियंस वाला है, क्योंकि कोई भी कहीं सीखने जाता है तो सबसे पहले सिखाने वाले का एक्सपीरियंस कितना है वो देखता है।

होम पेज को अच्छा से डिजाइन करने के लिए आप किसी पेज बिल्डर प्लगइन का इस्तेमाल कर सकते हैं आजकल वर्डप्रेस पर बहुत सारे पेज बिल्डर प्लगइन आपको फ्री में मिल जाएंगे।

15. Google Analytics से अपनी वेबसाइट को कनेक्ट करें

Google Analytics गूगल का ही एक फ्री टूल है आप इस टूल के माध्यम से अपने साइट का लगभग सभी गतिविधियों को बारीकी से देख सकते हैं जैसे विजिटर आपके कौन से पेज पर कितना देर रुक रहा है एवं मोबाइल के द्वारा आपके साइट को ओपन किया है या लैपटॉप में, कौन सा देश से है इसके साथ और भी बहुत सारी जानकारी।

आप गूगल एनालिटिक्स के द्वारा प्राप्त डाटा के अनुसार आप अपने साइट पर कमियों को सुधार सकते हैं और उसे बेहतर बना सकते हैं, इस टूल में अपने साइट के Bounce Rate को भी चेक कर सकते हैं।

और अंत में

जब हम एक नया ब्लॉग बनाते हैं तो उस पर काम करना शुरू करते हैं महीनों तक मेहनत करते हैं और फिर हमारे पेजेस search engine में ऊपर के तरफ आना शुरु करता है, लेकिन जब हमारे website का Bounce Rate ज्यादा होने लगता है तो फिर वही पेज को गूगल के बोट नीचे के तरफ दबाने लगते हैं क्योंकि उनको ऐसा लगने लगता है कि आपके साइट पर वो जानकारी नहीं है जो होनी चाहिए।

आज के इस भीषण कंपटीशन वाला दौर में एक वेबसाइट को सर्च इंजन में ऊपर लाना बीरबल के खिचड़ी पकाने जितना मेहनत है, आप सोचिए Bounce Rate के वजह से अगर वो वापस नीचे आ जाए तो आपको कैसा लगेगा, इसलिए ऊपर बताए गए तरीकों को अपनाकर अपने साइट का Bounce Rate को बेहतर बनाने की कोशिश करिए।

तो इस एपिसोड में हमने ये सीखा कि Website का Bounce Rate कम कैसे करें, साथ ही बाउंस रेट से संबंधित लगभग सभी सवालों का जवाब हमने यहां पर आपको देने की कोशिश किया।

क्या अभी भी आपके पास इस पोस्ट Website का Bounce Rate कम कैसे करें, से संबंधित कोई सवाल रह गया है, या आप कोई सुझाव देना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके हमसे जरूर पूछें और अपना सुझाव हमें बताएं।

4 thoughts on “Website का Bounce Rate कम कैसे करें Bounce Rate In Hindi”

  1. बहुत बढ़िया जानकारी कैसे अपने ब्लॉग का बाउंस रेट कम करें ,बाउंस रेट कम करने का उपाय है कि इंटरलिंकिंग,पूरी जानकारी विषय की देना ,बाउंस रेट कम करने के लिए पेज के शब्द सीमा भी एक हजार शब्दों की होना चाहिए

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  2. बहुत अच्छी और उपयोगी पोस्ट। इस तरह के एक जानकारीपूर्ण ब्लॉग को साझा करने के लिए धन्यवाद।

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  3. बहुत ही अच्छी जानकारी दी है आपने इस पोस्ट के अंदर बहुत बहुत धन्यवाद

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